आप बिल्कुल सही वेबसाइट पर आए हैं यहां पर आपको बिल्कुल स्टीक जानकारी मिलेगी। यहां जो भी आपको जानकारी मिल रही है वह जानकारी आपको बोर्ड में चेक करने जो अध्यापक जाते हैं उनके अनुभवों के आधार पर दी जा रही है। और सीबीएसई के द्वारा जो आंसर शीट पब्लिश की जाती है उनके आधार पर आपको जानकारी दी जा रही है।
Q- यह जानकारी किन बच्चों के लिए है।
यहां जो जानकारी दी जा रही है वह उन सभी बच्चों के लिए है जो बोर्ड का एग्जाम इस साल देने जा रहे हैं और उन बच्चों के लिए भी है जो बच्चे अभी छोटी कक्षाओं में है अर्थात कोई भी बच्चा या अध्यापक जो यह जानना चाहता है कि आखिरकार बोर्ड के पेपर में किस तरीके से जीवन परिचय लिखा जाता है। उन सभी को यहां पर जानकारी मिल रही है
Q- इस प्रकार जीवन परिचय लिखने के फायदे क्या है।
आपको जो तरीका जीवन परिचय लिखने का बताया जा रहा है अगर आप उस तरीके से जीवन परिचय लिखते हैं तो आपको अपने एग्जाम में चाहे वह बोर्ड का हो चाहे आपके स्कूल का हो या कोई भी आपका एग्जाम हो। उसमें आपको पूरे नंबर मिलेंगे।
Q- बोर्ड में जीवन परिचय का प्रश्न किस प्रकार आता है।
आपके एग्जाम में जीवन परिचय पर दो प्रश्न आते हैं उन दो प्रश्नों के अंदर प्रत्येक में दो-दो परिचय होते हैं लेकिन आपको इन दोनों प्रश्नों में से किसी एक जीवन परिचय को लिखना होता है यह प्रश्न 5 से 10 नंबर के अंदर होता है।
Q- बोर्ड में जीवन परिचय कैसे लिखते हैं।
सही तरीके से जीवन परिचय लिखने के लिए सबसे पहले आपको सबसे ऊपर बीच में जिनका जीवन परिचय लिख रहे हैं उनका नाम डालना है फिर उसके नीचे जीवन परिचय एक छोटी सी हेडिंग डालनी है।
सुमित्रानंदन पंत
जीवन परिचय
अब आपको एक हेडिंग डालनी है। जन्म की इस हेडिंग के नीचे आपको कवि अथवा लेखक के जन्म से संबंधित सभी जानकारी को लिखना है।
जन्म_
सुमित्रानंदन पंत का जन्म उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के कौसानी गांव में सन् 1900 में हुआ।
अब आपको फिर से एक हेडिंग डालनी है अबकी बार इस हेडिंग का नाम आपको शिक्षा देना है इस हेडिंग के नीचे आपको कवि या लेखक की शिक्षा के बारे में संपूर्ण जानकारी देनी है।
शिक्षा_
उनकी शिक्षा बनारस और इलाहाबाद में हुई। आज़ादी के आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी के बुलाने पर उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया।
अब आपको फिर से एक हेडिंग डालनी है इस हेडिंग का नाम साहित्यिक परिचय देना है। अब इस हेडिंग के नीचे आपको कवि अथवा लेखक के साहित्य में जो भी उन्होंने अपना योगदान दिया है या जो भी उन्होंने साहित्य में किया है वह संपूर्ण जानकारी वह पूरी जानकारी आपको इसके अंदर लिखनी है।
साहित्यिक परिचय_
छायावादी कविता के प्रमुख स्तंभ रहे सुमित्रानंदन पंत का काव्य - क्षितिज 1916 से 1977 तक फैला है। तथा वे अपनी जीवन दृष्टि का विभिन्न चरणों में छायावाद प्रगतिवाद एवं अरविंद दर्शन से प्रभावित हुए हैं।
अब आपको फिर से एक हेडिंग डालनी है इस हेडिंग का नाम आपको मृत्यु देनी है आपकी सेटिंग के नीचे आपको लेखक या कवि के मृत्यु की संपूर्ण जानकारी लिखनी है।
मृत्यु
सन् 1977 में सुमित्रानंदन पंत का निधन हो गया।
अब आपको फिर से एक हेडिंग डालनी है इस हेडिंग का नाम देना है रचनाएं इसके नीचे आपको कवि अथवा लेखक के द्वारा जो भी रचनाएं की गई हैं उन सभी रचनाओं को इसके अंदर लिखना है तथा यह भी याद रहे की कहानी संग्रह के अंदर सभी कहानी लिखनी है और निबंध संग्रह के अंदर सभी निबंध लिखने हैं आदि। कहने का अर्थ है कि जो भी रचनाएं आप लिखे उसकी हेडिंग के अंतर्गत लिखें।
रचनाएं_
वीणा, ग्रंथि, गुंजन, ग्राम्या, पल्लव, युगांत, स्वर्ण किरण, स्वर्णधूलि, कला और बूढ़ा चाँद, लोकायतन, चिदंबरा आदि उनकी प्रमुख काव्य - कृतियां हैं।
अब आपको फिर से एक हेल्प डालते हैं इस हेडिंग का नाम देना है पुरस्कार अब आपको इस हेडिंग के नीचे कवि या लेखक के द्वारा जो भी पुरस्कार प्राप्त किए गए हैं या जो भी पुरस्कार कवि या लेखक को मिले हैं आपको उन सभी पुरस्कारों का उल्लेख इसमें करना है।
पुरस्कार_
उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार एवं सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
अब आखिर में आपको एक हेडिंग फिर से डालनी है और इसका नाम आपको स्वयं ही देना है इसका नाम स्वयं इसलिए देना है क्योंकि आखिर में जो भी आपको जानकारी देनी है उसके आधार पर आप टॉपिक का नाम डालें हेडिंग डालें अब हेडिंग इस प्रकार हो सकती है पद्धति एवं प्रकृति, भाषा शैली आदि।
प्रकृति एवं पद्धति_ (यहाँ पर अपने हिसाब से आप अपना टॉपिक का नाम लिखें)
पंत की कविता में प्रकृति और मनुष्य के अंतरंग संबंधों की पहचान है। उन्होंने आधुनिक हिंदी कविता को एक नवीन अभिव्यंजना पद्धति एवं काव्य भाषा से समृद्ध किया। भावों की अभिव्यक्ति के लिए सटीक शब्दों के चयन के कारण उन्हें शब्द शिल्पी कवि कहा जाता है।
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