The concept of macroeconomics in hindi pdf download - समष्टि अर्थशास्त्र की अवधारणा


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 पाठ-1 समष्टि अर्थशास्त्र की अवधारणा

वस्तुओं का वर्गीकरण
अर्थव्यवस्था में अनेक वस्तुएं उत्पादित तथा उपभोग की जाती हैं व्यापक रूप से वस्तुओं का दो प्रकार से वर्गीकरण किया गया है।
वस्तुओं का दो प्रकार से वर्गीकरण
1.उपभोक्ता या उपभोग वस्तुएं                     2. अंतिम वस्तुएं
             एवं                                                           एवं
पूंजीगत वस्तुएं                                           मध्यवर्ती वस्तुएं

1. अंतिम वस्तुएं - अंतिम वस्तुएं वे वस्तुएं होती हैं जो उत्पादन की सीमा रेखा को पार कर चुकी हैं और अपने अंतिम प्रयोग कर्ताओं द्वारा प्रयोग के लिए तैयार हैं।
2. मध्यवर्ती वस्तुएं - मध्यवर्ती वस्तुएं वे वस्तुएं होती है जो उत्पादन सीमा रेखा के अंदर होती हैं यह वस्तुएं अंतिम प्रयोग कर्ताओं द्वारा उपयोग के लिए अभी तैयार नहीं होती है 
3. उपभोग वस्तुएं/या उपभोक्ता वस्तुएं - उपभोक्ता वस्तुएं वे वस्तुएं होती हैं जो मानवीय आवश्यकताओं को संतुष्ट करती हैं जैसे परिवार द्वारा उपयोग किया गया दूध या सब्जियां।

उपभोक्ता वस्तुओं को चार श्रेणियां में बांटा जाता है
उपभोग वस्तुएं/ उपभोक्ता वस्तुएं
  •  टिकाऊ वस्तुएं
  • अर्ध टिकाऊ वस्तुएं
  • गैर टिकाऊ वस्तुएं
  • अभौतिक वस्तुएं या सेवाएं 

1. टिकाऊ उपभोग वस्तुएं - टिकाऊ उपभोग वस्तुएं वे वस्तुएं होती हैं जिनका उपयोग कई वर्षों तक किया जाता है जैसे टीवी, साइकिल, फोन आदि।
2. अर्धटिकाऊ उपभोग वस्तुएं - ये वे वस्तुएं होती हैं जिनका उपयोग एक वर्ष या उससे कुछ अधिक समय के लिए किया जाता है जैसे कपड़े, फर्नीचर आदि।
3. गैर टिकाऊ या एकल उपभोग वस्तुएं - गैर टिकाऊ उपभोग वस्तुएं वे वस्तुएं होती हैं जिनका उपयोग केवल एक बार किया जा सकता है जैसे दूध, रोटी, सब्जियां आदि।
4. सेवाएं - सेवाएं वे गैर भौतिक ( जिन्हें देखा नहीं जा सकता ) वस्तुएं होती हैं जो मानवीय आवश्यकताओं को संतुष्ट करती हैं जैसे डॉक्टर वकील आदि।

2. पूंजीगत वस्तुएं
पूंजीगत वस्तुएं वे वस्तुएं होती हैं जिनका उपयोग वस्तुओं का उत्पादन करने के लिए कई वर्षों तक किया जाता है इसमें उत्पादकों की स्थिर परिसंपत्तियों शामिल होती हैं जैसे मशीनरी, प्लांट आदि।
निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए।
अंतिम वस्तुएं तथा मध्यवर्ती वस्तुएं
अंतिम वस्तुएं
1. यह वस्तुएं उत्पादन की सीमा रेखा के बाहर होती हैं।
2. इन वस्तुओं का कच्चे माल के रूप में प्रयोग नहीं किया जा सकता हैं।
3. इन वस्तुओं की लाभ प्राप्त करने के लिए पुनः बिक्री नहीं की जाती हैं।
4. इन वस्तुओं में कोई मूल्य वृद्धि नहीं की जाती है।
5. इन वस्तुओं पर किए गए व्यय को अंतिम व्यय कहते हैं।
6. इन वस्तुओं को राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है।
मध्यवर्ती वस्तुएं
1. यह वस्तुएं उत्पादन की सीमा रेखा के अंदर होती है।
2. इन वस्तुओं का कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाता है।
3. इन वस्तुओं की लाभ प्राप्त करने के लिए पुनः बिक्री की जाती है।
4. इन वस्तुओं में मूल्य वृद्धि की जाती है।
5. इन वस्तुओं पर किए गए व्यय को मध्यवर्ती लागत कहा जाता है।
6. इन वस्तुओं को राष्ट्रीय आय में शामिल नहीं किया जाता है।

उपभोग वस्तुएं तथा पूंजीगत वस्तुएं
उपभोग वस्तुएं
1. उपभोग वस्तुएं मानवीय आवश्यकताओ कि संतुष्टि करती हैं।
2. ये वस्तुएं परिवारों द्वारा उपभोग की जाती हैं।
3. उपभोग वस्तुओ पर किए गए व्यय को उपभोग व्यय कहा जाता है।
4. उपभोग वस्तुओ के अधिक उत्पादन से लोगों के जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि होती है।
पूंजीगत वस्तुएं
1. इन वस्तुओ का प्रयोग अन्य वस्तुओ का उत्पादन करने के लिए किया जाता है।
2. इन वस्तुओ को उत्पादकों द्वारा प्रयोग किया जाता है।
3. पूंजीगत वस्तुओ पर किए गए व्यय को निवेश व्यय कहा जाता है।
4. पूंजीगत वस्तुओं के अधिक उत्पादन से सकल घरेलू उत्पाद (G.D.P) मे वृद्धि होती हैं।




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